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Thursday, August 06, 2009

हम आज़ाद है! क्या सच में ? भाग १

भारत 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हो गया था लेकिन आज के हालात देख कर क्या हम पूरे विश्वास से ये बात कह सकते है की हम आज़ाद है ,शायद नही या फिर नही !हो सकता है की हमें लगता हो की हम आज़ाद है क्यों की आज हमारी अपनी सरकार है हमारा अपना राज है अंग्रेज भारत से जा चुके है !आज हम वोट दे सकते है सरकार चुन सकते है लेकिन फिर भी मेरा वही प्रश्न है की क्या हम आज़ाद है !आप लोग भी कहेंगे की क्या ये बार -बार "आज़ाद है, आज़ाद है" की रत लगाये हुए है !चलिए थोड़ा स्पष्ट करता हू की मै ऐसा बार -बार क्यों कह रहा हू !
* पहली बात तो मै यही रखना चाहूँगा की हम कब आज़ाद हुए !किसी से ऐसा पूछने पर वो तुंरत कहेगा की हम १५ अगस्त १९४७ को आज़ाद हुए,लेकिन मै कहता हू की हम 26 जनवरी 1950 को आज़ाद हुए ! अब आप लोंग भी कहेंगे की क्या बकवास कर रहा है ! लेकिन मै दावे के साथ कहता हूँ कि हम 26 जनवरी 1950 को आज़ाद हुए ! मित्रो हमारा संविधान कब लागू हुआ 26 जनवरी 1950 को तब तक हमारे देश पर ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया का राज था जिसके प्रतिनिधि के रूप में लोर्ड माउंटबेटन हम पर शासन कर रहा था ! इस बारे में कुछ लोंग कहते है कि सरकार भारत की थी, लेकिन ऐसे तो हमारी सरकार 1939 से ही है ! इसी तरह उस वक्त कुछ भी तो हमारा नही था, अंग्रेजो ने भारत 1949 में छोड़ा हम अपने निर्णय अपने आप नही ले सकते थे सभी निर्णय लोर्ड माउंटबेटन लेता था ! न हमारा तंत्र था न शासन अतः हम 15 अगस्त 1947 को कैसे आज़ाद हुए फिर भी लोग ग़लत फहमी में जी रहे है !
*आजादी के 6 दशक पूरे होने को है लेकिन अब तक हम देश में अपना तंत्र स्थापित नही कर पाए है !आज भी हमारे यहाँ कानून, न्याय व्यवस्था , शिक्षा ,शासन तंत्र पुलिस आदि सब कुछ अंग्रेजो की देन है !चलिए इस पर थोड़ा बात करते है :-
  • यदि हम कानून की ही बात करे तो ध्यान में आता की वर्तमान में कानों का जो स्वरूप है वो अत्यन्त जटिल है !भारत में जिस कानून के आधार पर दंड दिया जाता है उसे "आईपीसी" कहते है !"आईपीसी" से तात्पर्य है "इंडियन पीनल कोड" !हिन्दी में इसे "भारतीय दंड संहिता "कहते है ! ये "भारतीय दंड संहिता" वास्तव में "इंडियन पीनल कोड" नही "आयरिश पीनल कोड "है !आयरलैंड अंग्रेजो का उपनिवेश था वहाँ पर अपने १००० वर्षो तक के शासन के लिए अंग्रेजो ने ये कानून बनाया था ! भारत में 10 मई 1857 को अंग्रेजो के खिलाफ क्रांति कर दी गई !11 सितम्बर तक भारत पर से अंग्रेजो का राज ख़त्म हो गया था !लगभग 3 लाख 65 हजार अंग्रेज मारे गए थे ! इसके बाद 1857,58, तीन साल तक ब्रिटिश संसद में इस बात पर व्यापक बहस हुई की भारत पर दोबारा शासन कैसे किया जाए ! तब एक अंग्रेज अधिकारी "हंटर" ने सुझाव दिया की भारत की न्याय प्रणाली को बदला जाए !इसके बाद भारत में "आयरिश पीनल कोड " को ज्यों का त्यों लागू कर दिया गया !अब जिस कानून का उद्येश्य ही भारत को गुलाम रखना हो उससे आप सतंत्र और सुशासन की उम्मीद कैसे कर सकते है !
  • इसी प्रकार पुलिस और अदालतों की व्यवस्था भी अंग्रेजो के टाइम की है !जिसका निर्माण भारतीयों के शोषण के लिए किया गया था !ऐसे में उस पुलिस से हम कानून लागू करने और समाज को अपराध मुक्त बनने की कैसे सोच सकते है !
  • इसी प्रकार हमारी अदालते और उनकी व्यवस्था भी अंग्रेजो के टाइम की है !आज भी एक लड़की जिसका बलात्कार हुआ हो उससे वाही प्रश्न पूछे जाते है जो पहले पूछे जाते था और जो मानवता और शर्म को तार-तार कर देते है !मुकदमो की प्रक्रिया भी वैसी ही है !अंग्रेजो ने ये प्रक्रिया इसलिए बनाई थी ताकि आम आदमी इसकी पेचीदगी को ना समझ पाए !आज भी वाही हालत है !आम आदमी के लिए कानून को समझना टेडी खीर है !मुकदमो की संख्या बदती जा रही है!जब हम अपना शासन नही बदल पाए तो हमे भ्रष्टाचार के लिय किसी को गाली देने का अधिकार नही है !
  • बाकी अगले लेख में

3 comments:

  1. lekh acha laga lekin adhura hai ise pura kare phir paduga lekin lekh aur vishay acha laga

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  2. may i knw wht is the source of ths knowledge????
    pls write these type of topics further, it is really appreciable!!!!!

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  3. ram you should to hard work or reasearch in your views from 1947 till today, by the way your starting is really appreciable, good luck

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