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Sunday, January 10, 2010

amar kriti madhushala

नमस्कार दोस्तों ! आज अमिताभ जी कि आवाज में मधुशाला का आनंद लिया ! मिशंदेह मधुशाला एक अमर कृति है ! हरिवंश राय बच्चन जी ने इसे न जाने किस कल्पना लोक में जाके लिखा था लेकिन ये वास्तव में एक अद्भुत कृति है जो आपको मस्त कर देती है ! मई नमन करता हु उस महान कवी को,........
कुछ पंक्तिया ................
अपने युग में सबको अद्भुत ज्ञात हुई अपनी हाला .
अपने युग में सबको अनुपम ज्ञात हुआ अपना प्याला .
फिर भी वृधो से जब पुचा एक यही उत्तर पाया
अब न रहे वे पिने वाले अब न रही वो मधुशाला !
             ......................अब कुछ लिखने का मन नहीं कर रहा !अलविदा

1 comment:

  1. कल ही हिन्दी अंग्रेजी वाली मधुशाला का लोकार्पण आया था टीवी पर...झूम कर सुनी!!

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